बोतल पे बोतल पीने से क्या फायदा, मेरे दोस्त; रात गुजरेगी तो उतर जाएगी! पीना है तो सिर्फ एक बार किसी की बेवफाई पियो; प्यार की कसम, उम्र सारी नशें में गुजर जाएगी! मैं तोड़ लेता अगर वो गुलाब होती! मैं जवाब बनता अगर वो सवाल होती! सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता, फिर… Continue reading थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी
Month: January 2016
कि पानी भी पिये तो लोग उसे शराब कहते हैं
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है; खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है; फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों; यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है! मैं नहीं इतना घाफिल कि अपने चाहने वालों को भूल जाऊं; पीता ज़रूर हूँ लेकिन थोड़ी देर यादों को सुलाने के लिए! पीते थे… Continue reading कि पानी भी पिये तो लोग उसे शराब कहते हैं
मिट्टी का तन,मस्ती का मन
मिट्टी का तन,मस्ती का मन, क्षण भर जीवन-मेरा परिचय ! १. कल काल-रात्रि के अंधकार में थी मेरी सत्ता विलीन, इस मूर्तिमान जग में महान था मैं विलुप्त कल रूप-हीं, कल मादकता थी भरी नींद थी जड़ता से ले रही होड़, किन सरस करों का परस आज करता जाग्रत जीवन नवीन ? मिट्टी से मधु का पात्र… Continue reading मिट्टी का तन,मस्ती का मन
ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे मैं हूँ | शाहिद कबीर |Main Nashe Mein Hoon |Jagjit Singh
ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे मैं हूँ जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे मैं हूँ अब भी दिला रहा हूँ यकीने वफ़ा मगर, मेरा न ऐतबार करो मैं नशे में हूँ गिरने दो तुम मुझे मेरा सागर संभाल लो, इतना तो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ मुझको क़दम-क़दम पे बहकने… Continue reading ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे मैं हूँ | शाहिद कबीर |Main Nashe Mein Hoon |Jagjit Singh
लोग कहते हैं मैं शराबी हूँ |log kahate hai mai sharaabii huu | Sharaabi Movie | Amitabh Bachchan
लोग कहते हैं मैं शराबी हूँ तुमने भी शायद यही सोच लिया हां … लोग कहते हैं मैं शराबी हूँ | किसी पे हुस्न का गुरूर जवानी का नशा किसी के दिल पे मोहब्बत की रवानी का नशा किसी को देखे साँसों से उभरता है नशा बिना पिये भी कहीं हद से गुज़रता है नशा… Continue reading लोग कहते हैं मैं शराबी हूँ |log kahate hai mai sharaabii huu | Sharaabi Movie | Amitabh Bachchan
Gulzar – Ek Laash – Narreted By Yashpal Sharma Lyrics Gulzar
The video was created for Independence Day special on CNN IBN in 2008. This is one of the poems from Gulzars many masterpieces. It is written by Gulzar and narrated by Yashpal Sharma.
इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ / अहमद फ़राज़
इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ तू भी हीरे से बन गया पत्थर हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँ हम भी मजबूरियों का उज़्र करें फिर कहीं और मुब्तिला हो जाएँ अब के गर तू मिले तो हम तुझसे ऐसे लिपटें तेरी क़बा… Continue reading इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ / अहमद फ़राज़
खुदा / रात पश्मीने की / गुलज़ार
बुरा लगा तो होगा ऐ खुदा तुझे, दुआ में जब, जम्हाई ले रहा था मैं– दुआ के इस अमल से थक गया हूँ मैं ! मैं जब से देख सुन रहा हूँ, तब से याद है मुझे, खुदा जला बुझा रहा है रात दिन, खुदा के हाथ में है सब बुरा भला– दुआ करो ! अजीब सा… Continue reading खुदा / रात पश्मीने की / गुलज़ार