इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है, झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है। वो तिरंगे वाली डीपी हो तो लगा लो जरा…bhai ji सुना है कल देशभक्ति दिखाने वाली तारीख है. . . ! याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम, यह बलिदान तुम्हारा हैं हमको तो हैं जान से प्यारा यह… Continue reading Happy Republic Day Shayari, Wishes, SMS, Quotes, Status in Hindi
Tag: Shayari
Tere Ishq nachaiyaan kar key thaiyaa thaiyaa / Bulle Shah
Written by 18th century poet Baba Bulle Shah, this ghazal spells the magic of sufism and madness of love. Tere Ishq nachaiyaan kar key thaiyaa thaiyaa Your love… Continue reading Tere Ishq nachaiyaan kar key thaiyaa thaiyaa / Bulle Shah
मौत तू एक कविता है / Gulzar / Amitabh Bachchan / Anand Movie
A poetic excerpt from the movie Anand written by Gulzar sahab and enunciated by Amitabh Bachchan sir मौत तू एक कविता है, मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको डूबती नब्ज़ों में जब दर्द को नींद आने लगे ज़र्द सा चेहरा लिये जब चांद उफक तक पहुचे दिन अभी पानी में हो, रात किनारे… Continue reading मौत तू एक कविता है / Gulzar / Amitabh Bachchan / Anand Movie
बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे
बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे शमशान में पिया करूंगा, जब खुदा मांगेगा हिसाब तो पैग बना के दिया करूंगा पी के रात को हम उनको भुलाने लगे शराब मे ग़म को मिलाने लगे ये शराब भी बेवफा निकली यारो नशे मे तो वो और भी याद आने लगे ! बैठे हैं दिल में ये… Continue reading बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे
नशा पिला के गिराना तो सब को आता है
नशा पिला के गिराना तो सब को आता है; मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी। जिगर की आग बुझे जिससे जल्द वो शय ला, लगा के बर्फ़ में साक़ी, सुराही-ए-मय ला। पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर ‘जलील’; बादल का रंग देख के नीयत बदल गई। ऐ ज़ौक़ देख… Continue reading नशा पिला के गिराना तो सब को आता है
मधुशाला – हरिवंशराय बच्चन
मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला, पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा, सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला।।१। प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला, एक पाँव से साकी बनकर नाचूँगा लेकर प्याला, जीवन की मधुता तो तेरे… Continue reading मधुशाला – हरिवंशराय बच्चन
बोतलें खोल कर तो पी बरसों
न गुल खिले हैं न उन से मिले न मय पी है; अजीब रंग में अब के बहार गुज़री है। ~ Faiz Ahmad Faiz मैं थोड़ी देर तक बैठा रहा उसकी आँखों के मैखाने में; दुनिया मुझे आज तक नशे का आदि समझती है। आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में ‘फ़िराक़’; जब पी चुके शराब… Continue reading बोतलें खोल कर तो पी बरसों
ना पीने का शौक था, ना पिलाने का शौक था
ग़म इस कदर मिला कि घबरा के पी गए; ख़ुशी थोड़ी सी मिली तो मिला के पी गए; यूँ तो ना थे जन्म से पीने की आदत; शराब को तनहा देखा तो तरस खा के पी गए। ना पीने का शौक था, ना पिलाने का शौक था; हमे तो सिर्फ नज़र मिलाने का शौक था;… Continue reading ना पीने का शौक था, ना पिलाने का शौक था
नशा हम किया करते है, इलज़ाम शराब को दिया करते हैं
नशा हम किया करते है, इलज़ाम शराब को दिया करते हैं; कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं। तनहइयो के आलम की ना बात करो जनाब; नहीं तो फिर बन उठेगा जाम और बदनाम होगी शराब। मैखाने मे आऊंगा मगर पिऊंगा नही साकी; ये शराब मेरा गम… Continue reading नशा हम किया करते है, इलज़ाम शराब को दिया करते हैं
मौसम भी है, उम्र भी, शराब भी है
बड़ी भूल हुई अनजाने में, ग़म छोड़ आये महखाने में; फिर खा कर ठोकर ज़माने की, फिर लौट आये मयखाने में; मुझे देख कर मेरे ग़म बोले, बड़ी देर लगा दी आने में। मौसम भी है, उम्र भी, शराब भी है; पहलू में वो रश्के-माहताब भी है; दुनिया में अब और चाहिए क्या मुझको; साक़ी… Continue reading मौसम भी है, उम्र भी, शराब भी है