She is an inspiration to the younger generation, proud to all the women, fame to the country indisputable queen of boxing. It was a dream she always dreamed, London Olympics gave her the chance to fulfill her aspirations the sport introduced.Manipur, a backward state, sport unpopular among women, monetary issues, family ties faced thousand challenges.… Continue reading An ode to Mary Kom
Tag: Poetry
Gulzar – Ek Laash – Narreted By Yashpal Sharma Lyrics Gulzar
The video was created for Independence Day special on CNN IBN in 2008. This is one of the poems from Gulzars many masterpieces. It is written by Gulzar and narrated by Yashpal Sharma.
गुलज़ार की बोस्की /Gulzar Ki Boski
बोस्की ब्याहने का समय अब करीब आने लगा है जिस्म से छूट रहा है कुछ कुछ रूह में डूब रहा है कुछ कुछ कुछ उदासी है,सुकूं भी सुबह का वक्त है पौ फटने का, या झुटपुटा शाम का है मालूम नहीं यूँ भी लगता है कि जो मोड़ भी अब आएगा वो किसी और… Continue reading गुलज़ार की बोस्की /Gulzar Ki Boski
किसी मौसम का झौंका था (Raincoat) by Gulzar
किसी मौसम का झौंका था जो इस दीवार पर लटकी हुई तस्वीर तिरछी कर गया है गये सावन में ये दीवारें यूँ सीली नहीं थीं न जाने इस दफ़ा क्यूँ इनमें सीलन आ गयी है दरारें पड़ गयी हैं और सीलन इस तरह बहती है जैसे ख़ुश्क रुख़सारों पे गीले आँसू चलते हों सघन सावन… Continue reading किसी मौसम का झौंका था (Raincoat) by Gulzar
Munawwar Rana Shayari on ‘Maa’ | ‘माँ’ पर शायरी
मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना Maine rote hue ponchhe the kisi din aansoo Muddaton Maa ne nahi dhoya dupatta apna ***** लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती Labon pe uske kabhi baddua nahi hoti Bas… Continue reading Munawwar Rana Shayari on ‘Maa’ | ‘माँ’ पर शायरी