shayari on sharab
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बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे
बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे शमशान में पिया करूंगा, जब खुदा मांगेगा हिसाब तो पैग बना के दिया करूंगा…
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नशा पिला के गिराना तो सब को आता है
नशा पिला के गिराना तो सब को आता है; मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी। जिगर…
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मधुशाला – हरिवंशराय बच्चन
मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला, पहले भोग लगा…
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बोतलें खोल कर तो पी बरसों
न गुल खिले हैं न उन से मिले न मय पी है; अजीब रंग में अब के बहार गुज़री है।…
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ना पीने का शौक था, ना पिलाने का शौक था
ग़म इस कदर मिला कि घबरा के पी गए; ख़ुशी थोड़ी सी मिली तो मिला के पी गए; यूँ तो…
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नशा हम किया करते है, इलज़ाम शराब को दिया करते हैं
नशा हम किया करते है, इलज़ाम शराब को दिया करते हैं; कसूर शराब का नहीं उनका है जिनका चेहरा हम…
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मौसम भी है, उम्र भी, शराब भी है
बड़ी भूल हुई अनजाने में, ग़म छोड़ आये महखाने में; फिर खा कर ठोकर ज़माने की, फिर लौट आये मयखाने…
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यूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं है मेरा
यूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं है मेरा; शराब से… इश्क की राहों में तन्हा मिली तो; हमसफ़र…
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नफरतों का असर देखो जानवरों का बटंवारा हो गया
पी के रात को हम उनको भुलाने लगे; शराब मे ग़म को मिलाने लगे; ये शराब भी बेवफा निकली यारो;…
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मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर है
मेरी तबाही का इल्जाम अब शराब पर है; करता भी क्या और तुम पर जो आ रही थी बात। लानत…
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