1. मौत से आगे सोच के आना फिर जी लेना छोटी छोटी बातों में दिलचस्पी लेना जज़्बों के दो घूँट अक़ीदों[1] के दो लुक़मे[2] आगे सोच का सेहरा[3] है कुछ खा-पी लेना नर्म नज़र से छूना मंज़र की सख़्ती को तुन्द हवा से चेहरे की शादाबी[4] लेना आवाज़ों के शहर से बाबा! क्या मिलना है… Continue reading अब्दुल अहद ‘साज़’
Author: Saavan
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अबू आरिफ
1. अज़्म मोहकम करके दिल में ये ही एक सहारा है दरिया हो या कि समन्दर सब का एक किनारा है दिल अपना इतना नाज़ुक था जिससे मिले हम सबके है अब सबके तकाज़े पूरे हुये तो कहने लगे बेचारा है इस गाँव की कच्ची गलियों में बचपन में हमारे साथ रहे अहदे जवानी में… Continue reading अबू आरिफ
अनूप कुमार
जन्म- 1 जनवरी 1956,सहायक लेखाधिकारी, मंडी परिषद, उ. प्र. लखनऊ प्रकाशित कृतियाँ: ऑडियो कैसेट तूने अबतक समय गँवाया (टी सीरीज़ से) विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं तथा आकाशवाणी से रचनाओं का प्रकाशन। 1. बड़ी मुश्किल-सी कोई बात भई आसान होती है अगर इंसानी फ़ितरत की हमें पहचान होती है हुजूमे-ग़म जो आ जाए हुजूमे-शाद हो ऐ दिल ग़मों से लड़… Continue reading अनूप कुमार
अनीस अंसारी
1. ज़र्द बादल मेरी धरती पर उतर जाने को है सब्ज़ रूत पाले की जद़ में ग़ालिबन आने को है इब्न-ए-मरियम को सलीबें पर चढ़ाने का जुननू इब्न-ए-आदम के लहू की धार रूलवाने को है इश्क़ की गहरी जड़ों को खाद पानी चाहिए पडे़ यह सब मौसमों में फल फूल लाने को है उड़ रही… Continue reading अनीस अंसारी
अनवर मसऊद
जो बारिशों में जले, तुंद आँधियों में जले चराग वो जो बगोलों की चिमनियों में जले वो लोग थे जो सराबे-नज़र के मतवाले तमाम उम्र सराबों के पानियों में जले कुछ इस तरह से लगी आग बादबानों को की डूबने को भी तरसे जो कश्तियों में जले यही है फैसला तेरा की जो तुझे चाहे… Continue reading अनवर मसऊद
अनवर जलालपुरी
1. उम्र भर जुल्फ-ए-मसाऐल यूँ ही सुलझाते रहे दुसरों के वास्ते हम खुद को उलझाते रहे हादसे उनके करीब आकर पलट जाते रहे अपनी चादर देखकर जो पाँव फैलाते रहे जब सबक़ सीखा तो सीखा दुश्मनों की बज़्म से दोस्तों में रहके अपने दिल को बहलाते रहे मुस्तक़िल चलते रहे जो मंज़िलोंसे जा मिले हम… Continue reading अनवर जलालपुरी
अनन्त कौर
1. तिरे ख़्याल के साँचे में ढलने वाली नहीं मैं ख़ुशबुओं की तरह अब बिखरने वाली नहीं तू मुझको मोम समझता है पर ये ध्यान रहे मैं एक शमा हूँ लेकिन पिघलने वाली नहीं तिरे लिये मैं ज़माने से लड़ तो सकती हूँ तिरी तलाश में घर से निकलने वाली नहीं मैं अपने वास्ते भी… Continue reading अनन्त कौर
अदीम हाशमी
(जन्म: 1946-निधन: 2002) 1. गम के हर इक रंग से मुझको शनासा कर गया वो मेरा मोहसिन मुझे पत्थर से हीरा कर गया हर तरफ़ उड़ने लगा तारीक सायों का गुबार शाम का झोंका, चमकता शह्र मैला कर गया. चाट ली किरनों ने मेरे जिस्म की सारी मिठास मैं समंदर था वो सूरज मुझको सहरा… Continue reading अदीम हाशमी
अदा बदायूनी
होंटों पे कभी उनके मेरा नाम ही आये. आये तो सही बर-सरे-इल्ज़ाम ही आये. हैरान हैं, लब-बस्तः हैं, दिल-गीर हैं गुंचे, खुश्बू की ज़बानी तेरा पैगाम ही आये. लम्हाते-मसर्रत हैं तसौवुर से गुरेज़ाँ, याद आये हैं जब भी गमो-आलाम ही आये. तारों से सजा लेंगे रहे-शहरे-तमन्ना, मक्दूर नहीं सुब्ह, चलो शाम ही आये. यादों के,… Continue reading अदा बदायूनी
अदा जाफ़री
जन्म: 23 अगस्त 1934, बदायूँ (उत्तरप्रदेश) कुछ प्रमुख कृतियाँ: मैं साज ढूंढती रही, गज़ालां तुम तो वाकिफ़ हो 1. हर एक हर्फ़-ए-आरज़ू को दास्ताँ किये हुए ज़माना हो गया है उन को महमाँ किये हुए सुरूर-ए-ऐश तल्ख़ि-ए-हयात ने भुला दिया दिल-ए-हज़ीं है बेकसी को हिज्र-ए-जाँ किये हुए कली कली को गुलिस्ताँ किये हुए वो आयेंगे… Continue reading अदा जाफ़री