अदा बदायूनी

होंटों पे कभी उनके मेरा नाम ही आये. आये तो सही बर-सरे-इल्ज़ाम ही आये. हैरान हैं, लब-बस्तः हैं, दिल-गीर हैं गुंचे, खुश्बू की ज़बानी तेरा पैगाम ही आये. लम्हाते-मसर्रत हैं तसौवुर से गुरेज़ाँ, याद आये हैं जब भी गमो-आलाम ही आये. तारों से सजा लेंगे रहे-शहरे-तमन्ना, मक्दूर नहीं सुब्ह, चलो शाम ही आये. यादों के,… Continue reading अदा बदायूनी