अनीस अंसारी

1. ज़र्द बादल मेरी धरती पर उतर जाने को है सब्ज़ रूत पाले की जद़ में ग़ालिबन आने को है इब्न-ए-मरियम को सलीबें पर चढ़ाने का जुननू इब्न-ए-आदम के लहू की धार रूलवाने को है इश्क़ की गहरी जड़ों को खाद पानी चाहिए पडे़ यह सब मौसमों में फल फूल लाने को है उड़ रही… Continue reading अनीस अंसारी