परिचय: जन्म: अदम गोंडवी का जन्म आजाद भारत में 22 अक्तूबर 1947 को परसपुर जनपद गोंडा के गाँव आटा में हुआ था | निधन: इनका निधन 18-12 -2011 को लखनऊ में लीवर सिरोसिस की बीमारी से जूझते हुए हो गया था | कृतियाँ: अदम गोंडवी की पहली किताब थी गर्म रोटी की महक,बाद में अनुज… Continue reading अदम गोंडवी
Author: Saavan
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अतीक उल्लाह
1. क्या तुम ने कभी ज़िंदगी करते हुए देखा मैं ने तो इसे बार-हा मरते हुए देखा पानी था मगर अपने ही दरिया से जुदा था चढ़ते हुए देखा न उतरते हुए देखा तुम ने तो फ़क़त उस की रिवायत ही सुनी है हम ने वो ज़माना भी गुज़रते हुए देखा याद उस के वो… Continue reading अतीक उल्लाह
अज्मल अज्मली
क़्ते-सफ़र क़रीब है बिस्तर समेट लूँ बिखरा हुआ हयात का दफ्तर समेट लूँ फिर जाने हम मिलें न मिलें इक ज़रा रुको मैं दिल के आईने में ये मंज़र समेट लूँ गैरों ने जों सुलूक किए उनका क्या गिला फेंके हैं दोस्तों ने जों पत्थर समेट लूँ कल जाने कैसे होंगे कहाँ होंगे घर के… Continue reading अज्मल अज्मली
अज्ञात शायर
मेरी जाँ गो तुझे दिल से भुलाया जा नहीं सकता मगर ये बात मैं अपनी ज़ुबां पर ला नहीं सकता तुझे अपना बनाना मोजिब-ए-राहत समझकर भी तुझे अपना बना लूँ ये तसव्वुर ला नहीं सकता हुआ है बारहा एहसास मुझको इस हक़ीक़त का तेरे नजदीक रह कर भी मैं तुझको पा नहीं सकता मेरे दस्ते… Continue reading अज्ञात शायर
अजीज आजाद
जन्म: 21 मार्च 1944, बीकानेर, (राजस्थान) || निधन: 20 सितंबर 2006 प्रकाशित कृतियाँ: उम्र बस नींद-सी, भरे घर का सन्नाटा (दोनो ग़ज़ल-संग्रह), हवा के बीच (कविता-संग्रह), कोहरे की धूप (कहानी-संग्रह), टूटे हुए लोग (उपन्यास), गायक रफ़ीक सागर की आवाज़ में ग़ज़लों का एलबम ‘आज़ाद’ परिन्दा’ रिलीज़ । 1. चलो ये तो सलीका है बुरे को मत बुरा कहिए मगर उनकी तो ये… Continue reading अजीज आजाद
अख्तर शीरानी
जन्म: 1905-निधन: 1948 1. काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएं तो क्या करें उस बे-वफ़ा को भूल न जाएँ तो क्या करें मुझ को है एतराफ दुआओं में है असर जाएँ न अर्श पर जो दुआएं तो क्या करें एक दिन की बात हो तो उसे भूल जाएँ हम नाज़िल हों रोज़ दिल पे बालाएं… Continue reading अख्तर शीरानी
अज़ीज़ लखनवी
जन्म: 1882,लखनऊ, उत्तर प्रदेश,निधन: 1935 1. ये मशवरे बहम उठे हैं चारा-जु करते अब इस मरीज़ को अच्छा था क़िबलरु करते कफ़न को बाँधे हुए सर से आए हैं वरना हम और आप से इस तरह गुफ़्तगू करते जवाब हज़रत-ए-नासेह को हम भी कुछ देते जो गुफ़्तगू के तरीक़े से गुफ़्तगू करते पहुँच के हश्र… Continue reading अज़ीज़ लखनवी
अजमल नियाज़ी
हम अकेले ही सही शह्र में क्या रखते थे दिल में झांको तो कई शह्र बसा रखते थे अब किसे देखने बैठे हो लिए दर्द की ज़ौ उठ गए लोग जो आंखों में हया रखते थे इस तरह ताज़ा खुदाओं से पड़ा है पाला ये भी अब याद नहीं है कि खुदा रखते थे छीन… Continue reading अजमल नियाज़ी
अख्तरुल-ईमान
जन्म: 1915-निधन: 1995 1. (नज्म और गजलें) यही शाख तुम जिसके नीचे किसी के लिए चश्म-नम हो अब से कुछ साल पहले मुझे एक छोटी सी बच्ची मिली थी जिसे मैंने आगोश में ले के पूछा था, ‘बेटी यहाँ क्यों खड़ी रो रही हो ? मुझे अपने बोसीदा आँचल में फूलों के गहने दिखाकर वो कहने… Continue reading अख्तरुल-ईमान
अख्तर लखनवी
अब दर्द का सूरज कभी ढलता ही नहीं है। ये दिल किसी पहलू भी संभलता ही नहीं है। बे-चैन किए रहती है जिसकी तलबे-दीद अब बाम पे वो चाँद निकलता ही नहीं है। एक उम्र से दुनिया का है बस एक ही आलम ये क्या कि फलक रंग बदलता ही नहीं है । नाकाम रहा… Continue reading अख्तर लखनवी