हर एक बात पे कहते हो तुम के ‘तू क्या है

हर एक बात पे कहते हो तुम के ‘तू क्या है ? तुम ही कहो के यह अंदाज़-ए-गुफ्तगू क्या है ? [ गुफ्तगू = conversation ] ना शोले में यह करिश्मा ना बर्क़ में ये अदा कोई बताओ की वो शोख-ए-टुंड_खो क्या है ? [ बर्क़ = lightning, टुंड = sharp/angry, खो. = behavior ]… Continue reading हर एक बात पे कहते हो तुम के ‘तू क्या है

Best of Mirza Ghalib (मिर्ज़ा ग़ालिब)

1 बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना Bas ki dushwaar hai har kaam ka aasaan hona Aadami ko bhi mayssar nahin insaan hona ***** 2 अपनी गली में मुझ को न कर दफ़्न बाद-ए-क़त्ल मेरे पते से ख़ल्क़* को क्यूँ तेरा घर मिले खल्क  =  जनता… Continue reading Best of Mirza Ghalib (मिर्ज़ा ग़ालिब)