हर एक बात पे कहते हो तुम के ‘तू क्या है ?
तुम ही कहो के यह अंदाज़-ए-गुफ्तगू क्या है ?
[ गुफ्तगू = conversation ]
ना शोले में यह करिश्मा ना बर्क़ में ये अदा
कोई बताओ की वो शोख-ए-टुंड_खो क्या है ?
[ बर्क़ = lightning, टुंड = sharp/angry, खो. = behavior ]
यह रश्क है की वो होता हम_सुखःअन तुमसे
वागरना ख़ौफ़-ए-बद_आमोज़ी-ए-अडू क्या है ?
[ रश्क = jealousy, हम_सुखःअन = to speak together/to agree, ख़ौफ़= fear, बद = bad/wicked, आमोज़ी= education/teaching, अडू = enemy ]
चिपक रहा है बदन पर लहू से पैराहन
हमारी जेब को अब हाजत-ए-रफू क्या है ?
[ पैराहन= shirt/robe/cloth, हाजत= need/necessity,रफू = mending/darning ]
जला है जिस्म. जहाँ दिल भी जल गया होगा
कुरेडदते हो जो अब राख, जूस्तजू क्या है ?
[ जूस्तजू = desire ]
रागों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल
जब आंख ही से ना टपका तो फिर लहू क्या है ?
वो चीज़ जिसके लिए हमको हो बहिशित अज़ीज़
सिवाय बाड़ा- ए -गुल_फाम – ए – मुश्कबू क्या है ?
[ बहिशित (या बिहिशित, दोनों सही हैं) = heaven, बाड़ा= wine, गुल_फाम = delicate and fragrant like flowers, मुश्कबू = like the smell of musk ]
पियूं शराब अगर .खम भी देख लू दो चार
यह शीशा-ओ-क़दह–कूज़ा- ओ – सुबो क्या है ?
[ .खम= wine barrel, क़दह= goblet, कूज़ा- ओ – सुबो = wine pitcher ]
रही ना ताक़त-ए-गुफ़तर, और अगर हो भी
तो किस उम्मीद पे कहिए के आरज़ू क्या है ?
[ गुफ़तर = speech/discourse ]
बना है शाह का मुसाहिब, फिरे इतराता
वागरना शहर में ‘ग़ालिब’ की आबरू क्या है ?
[ मुसाहिब = comrade/associate ]