1. सात रंगों की धनक यों भी सजा कर देखना मेरी परछाई ख़यालों में बसा कर देखना आसमानों में ज़मीं के चाँद तारे फेंक कर मौसमों को अपनी मुट्ठी में छिपा कर देखना फ़ासलों की कैद से धुंधला इशारा ही सही बादलों की ओट से आँसू गिरा कर देखना लौट कर वहशी जज़ीरों से मैं… Continue reading अंबर बहराइची