गुलजार लफ्जों को कुछ इस तरह से बुन देते हैं कि दिल की तह तक पहुँच जाते हैं| उनके लिखे अल्फ़ाज़ रोम-रोम में दौडने लगते है| ग़ुलज़ार की गली में हर नज़्म, हर हर्फ़ आपको अहसास दिलायेगी खुद के होने का; कभी आपके ज़ख्मों को कुरेदेगी तो कभी ज़ख्मों को सीयेगी भी|अल्फ़ाजों से अहसासों तक पहुंचती इस गली में आपका स्वागत है|