मुद्दतों बाद एक खत चला है मेरे नाम से, किसी ने पैगामे-ईश्क भेजा है मेरे नाम से। शायद चल पड़े सिलसिला खत भेजने का, आज पहला खत उसने भेजा है मेरे नाम से। लिखते हैं जब वो खत चांदनी रातों में, चांद उनके पहलू आता है मेरे नाम से। हमें तो आरजू थी खतों के… Continue reading मुद्दतों बाद एक खत चला है मेरे नाम से
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Khat Shayari: अंधेरा है कैसे तिरा खत पढ़ूं, लिफ़ाफ़े में जरा रोशनी भेज दे
कासिद के आते आते ख़त इक और लिख रखूं मैं जानता हूं जो वो लिखेंगे जावाब में कैसे मानें कि उन्हे भूल गया तू ऐ ‘कैफ़’ उअन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले क्या क्या फ़रेब दिल को दिए इज्तिराब में उन की तरफ़ से आप लिखे ख़त जवाब में अपना खत आप… Continue reading Khat Shayari: अंधेरा है कैसे तिरा खत पढ़ूं, लिफ़ाफ़े में जरा रोशनी भेज दे