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सिंह गर्जना

अपनी ही धरती माँ की गोद  में कुछ  वीर  सोये थे 
लग रहे थे जैसे  कुछ  खोए  – खोए से 
चेहरे पे खेल  रहा था  उनका भोलापन
सपने हजारों आंखों  से उनकी  झलक  रहे 
आवाज दी उन्हें तो जवाब ना आया 
सोचा  शायद गहरी नींदो में  होंगे 
जब पास जाकर देखा तो मालूम  ये  हुआ 
अब कभी  न लौटकर वो ना आयेगे 
सारा देश जैसे सकते में आ गया 
हर घर में जैसे मातम सा छा  गया 
भारत माता को भी था जैसे  गुस्सा  आ गया 
गुस्से  में उसने रूप अपना चंडी का  धर लिया 
अब तो होने  लगी  जैसे सिंह  गर्जना 
सारा  देश  जैसे  था  हरकत  में  आ गया 
भारत मां के शेर  को था गुस्सा  आ गया 
दहाड़ सुनकर शेर  की पाकिस्तान  में सन्नाटा  छा  गया 
घर  मे  घुसकर उनको था मार गिराया 
बाप होने  का  था  उनको एहसास  करवाया 
भारत माता के वीरों ने था क्या  करतब दिखाया 
और  अपने  देश का  था  मान बढ़ाया पाकिस्तान जब बिलकुल  साफ हो  जायेगा
 इतिहास  में एक  नया  कीर्तिमान बनेगा 

जयहिंद 
– रीता जयहिंद