शहर में कॉलोनी कॉलोनी में पार्क पार्क के कोने पर सड़क के किनारे जूती गाँठता रैदास पास में बैठा उसका आठ बरस का बेटा पूसन फटे-पुराने कपड़ों में लिपटा अपने कुल का भूषण चाहता है वह ख़ूब पढ़ना और पढ़-लिखकर आगे बढ़ना लेकिन लील रही है उसे दारिद्रय और दीनता घर करती जा रही है… Continue reading आज का रैदास / जयप्रकाश कर्दम