लकीरे है तो रहने दो किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खीच दी थी, इन्ही को अब बनायो पाला और आयो कबड़ी खेलते है, Lakeerein hain to rehne do, Kisi ne rooth kar gusse mein shayad kheech di thi. Unhi ko ab banao paala aur aao kabaddi khelte hain. English Translation: These lines that… Continue reading लकीरे है तो रहने दो / Gulzar
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मौत तू एक कविता है / Gulzar / Amitabh Bachchan / Anand Movie
A poetic excerpt from the movie Anand written by Gulzar sahab and enunciated by Amitabh Bachchan sir मौत तू एक कविता है, मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको डूबती नब्ज़ों में जब दर्द को नींद आने लगे ज़र्द सा चेहरा लिये जब चांद उफक तक पहुचे दिन अभी पानी में हो, रात किनारे… Continue reading मौत तू एक कविता है / Gulzar / Amitabh Bachchan / Anand Movie
Zindagi Kya Hai Janane Ke Liye / Gulzar
ज़िंदगी क्या है जानने के लिये ज़िंदा रहना बहुत जरुरी है आज तक कोई भी रहा तो नही सारी वादी उदास बैठी है मौसमे गुल ने खुदकशी कर ली किसने बरुद बोया बागो मे आओ हम सब पहन ले आइने सारे देखेंगे अपना ही चेहरा सारे हसीन लगेंगे यहाँ है नही जो दिखाई देता है… Continue reading Zindagi Kya Hai Janane Ke Liye / Gulzar
Gulzar – Ek Laash – Narreted By Yashpal Sharma Lyrics Gulzar
The video was created for Independence Day special on CNN IBN in 2008. This is one of the poems from Gulzars many masterpieces. It is written by Gulzar and narrated by Yashpal Sharma.
गुलज़ार की बोस्की /Gulzar Ki Boski
बोस्की ब्याहने का समय अब करीब आने लगा है जिस्म से छूट रहा है कुछ कुछ रूह में डूब रहा है कुछ कुछ कुछ उदासी है,सुकूं भी सुबह का वक्त है पौ फटने का, या झुटपुटा शाम का है मालूम नहीं यूँ भी लगता है कि जो मोड़ भी अब आएगा वो किसी और… Continue reading गुलज़ार की बोस्की /Gulzar Ki Boski
किसी मौसम का झौंका था (Raincoat) by Gulzar
किसी मौसम का झौंका था जो इस दीवार पर लटकी हुई तस्वीर तिरछी कर गया है गये सावन में ये दीवारें यूँ सीली नहीं थीं न जाने इस दफ़ा क्यूँ इनमें सीलन आ गयी है दरारें पड़ गयी हैं और सीलन इस तरह बहती है जैसे ख़ुश्क रुख़सारों पे गीले आँसू चलते हों सघन सावन… Continue reading किसी मौसम का झौंका था (Raincoat) by Gulzar