ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे मैं हूँ | शाहिद कबीर |Main Nashe Mein Hoon |Jagjit Singh

ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे मैं हूँ जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे मैं हूँ अब भी दिला रहा हूँ यकीने वफ़ा मगर, मेरा न ऐतबार करो मैं नशे में हूँ गिरने दो तुम मुझे मेरा सागर संभाल लो, इतना तो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ मुझको क़दम-क़दम पे बहकने… Continue reading ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे मैं हूँ | शाहिद कबीर |Main Nashe Mein Hoon |Jagjit Singh

लोग कहते हैं मैं शराबी हूँ |log kahate hai mai sharaabii huu | Sharaabi Movie | Amitabh Bachchan

लोग कहते हैं मैं शराबी हूँ तुमने भी शायद यही सोच लिया हां … लोग कहते हैं मैं शराबी हूँ | किसी पे हुस्न का गुरूर जवानी का नशा किसी के दिल पे मोहब्बत की रवानी का नशा किसी को देखे साँसों से उभरता है नशा बिना पिये भी कहीं हद से गुज़रता है नशा… Continue reading लोग कहते हैं मैं शराबी हूँ |log kahate hai mai sharaabii huu | Sharaabi Movie | Amitabh Bachchan

वो मुक़द्दर का सिकंदर जानेमन कहलाएगा

रोते हुए आते है न सब हंसता हुआ जो जाएगा वो मुक़द्दर का सिकंदर जानेमन कहलाएगा वो सिकंदर क्या था ज़िसने ज़ुल्म से जीता ज़हां प्यार से जीते दिलो को वो झुका दे आसमा जो सितारो पर कहानी प्यार की लिख जाएगा वो मुक़द्दर का सिकंदर जानेमन कहलाएगा ज़िंदगी तो बेवफा है एक दिन ठुकराएगी… Continue reading वो मुक़द्दर का सिकंदर जानेमन कहलाएगा

गुलज़ार की बोस्की /Gulzar Ki Boski

  बोस्की ब्याहने का समय अब करीब आने लगा है जिस्म से छूट रहा है कुछ कुछ रूह में डूब रहा है कुछ कुछ कुछ उदासी है,सुकूं भी सुबह का वक्त है पौ फटने का, या झुटपुटा शाम का है मालूम नहीं यूँ भी लगता है कि जो मोड़ भी अब आएगा वो किसी और… Continue reading गुलज़ार की बोस्की /Gulzar Ki Boski

Munawwar Rana Shayari on ‘Maa’ | ‘माँ’ पर शायरी

मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना Maine rote hue ponchhe the kisi din aansoo Muddaton Maa ne nahi dhoya dupatta apna ***** लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती Labon pe uske kabhi baddua nahi hoti Bas… Continue reading Munawwar Rana Shayari on ‘Maa’ | ‘माँ’ पर शायरी