बच्चे काम पर जा रहे हैं

पढ़िए, राजेश जोशी की यह कविता. किसी छोटू से चाय-पानी-सुट्टा मांगते हुए याद कीजिएगा| बच्चे काम पर जा रहे हैं हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह भयानक है इसे विवरण की तरह लिखा जाना चाहिए लिखा जाना चाहिए इसे सवाल की तरह काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे? क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी… Continue reading बच्चे काम पर जा रहे हैं

Ahmad Faraz : अहमद फ़राज़ की बेहतरीन शायरी

अहमद फ़राज़ पैदाइश से हिन्दुस्तानी थे, लेकिन विभाजन के बाद वे पाकिस्तान के बेहतरीन उर्दू कवियों मे शुमार हो गये, साथ साथ हिन्दूस्तान के लोगों के दिल में भी| आज भी उनकी ग़ज़लों के जादुई प्रभाव से हर कोई झूम उठता है| उनकी कलम से निकले चंद अल्फ़ाज ही उनकी विशाल शख्सियत का नजारा दिखाने… Continue reading Ahmad Faraz : अहमद फ़राज़ की बेहतरीन शायरी

Tere Ishq nachaiyaan kar key thaiyaa thaiyaa / Bulle Shah

Written by 18th century poet Baba Bulle Shah, this ghazal spells the magic of sufism and madness of love.                                                           Tere Ishq nachaiyaan kar key thaiyaa thaiyaa Your love… Continue reading Tere Ishq nachaiyaan kar key thaiyaa thaiyaa / Bulle Shah

An ode to Mary Kom

   She is an inspiration to the younger generation, proud to all the women, fame to the country indisputable queen of boxing. It was a  dream she always dreamed, London Olympics gave her the chance to fulfill her aspirations the sport introduced.Manipur, a backward state, sport unpopular among women, monetary issues, family ties faced  thousand challenges.… Continue reading An ode to Mary Kom

लकीरे है तो रहने दो / Gulzar

लकीरे है तो रहने दो किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खीच दी थी, इन्ही को अब बनायो पाला और आयो कबड़ी खेलते है, Lakeerein hain to rehne do, Kisi ne rooth kar gusse mein shayad kheech di thi. Unhi ko ab banao paala aur aao kabaddi khelte hain. English Translation: These lines that… Continue reading लकीरे है तो रहने दो / Gulzar

मौत तू एक कविता है / Gulzar / Amitabh Bachchan / Anand Movie

A poetic excerpt from the movie Anand written by Gulzar sahab and enunciated by Amitabh Bachchan sir मौत तू एक कविता है, मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको डूबती नब्ज़ों में जब दर्द को नींद आने लगे ज़र्द सा चेहरा लिये जब चांद उफक तक पहुचे दिन अभी पानी में हो, रात किनारे… Continue reading मौत तू एक कविता है / Gulzar / Amitabh Bachchan / Anand Movie

मुकरियाँ / अमीर खुसरो

– अमीर खुसरो रात समय वह मेरे आवे। भोर भये वह घर उठि जावे॥ यह अचरज है सबसे न्यारा। ऐ सखि साजन? ना सखि तारा॥ नंगे पाँव फिरन नहिं देत। पाँव से मिट्टी लगन नहिं देत॥ पाँव का चूमा लेत निपूता। ऐ सखि साजन? ना सखि जूता॥ वह आवे तब शादी होय। उस बिन दूजा… Continue reading मुकरियाँ / अमीर खुसरो

बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे

बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे शमशान में पिया करूंगा, जब खुदा मांगेगा हिसाब तो पैग बना के दिया करूंगा पी के रात को हम उनको भुलाने लगे शराब मे ग़म को मिलाने लगे ये शराब भी बेवफा निकली यारो नशे मे तो वो और भी याद आने लगे ! बैठे हैं दिल में ये… Continue reading बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे

नशा पिला के गिराना तो सब को आता है

नशा पिला के गिराना तो सब को आता है; मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी। जिगर की आग बुझे जिससे जल्द वो शय ला, लगा के बर्फ़ में साक़ी, सुराही-ए-मय ला। पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर ‘जलील’; बादल का रंग देख के नीयत बदल गई। ऐ ज़ौक़ देख… Continue reading नशा पिला के गिराना तो सब को आता है

मधुशाला – हरिवंशराय बच्चन

मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला, प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला, पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा, सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला।।१।   प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला, एक पाँव से साकी बनकर नाचूँगा लेकर प्याला, जीवन की मधुता तो तेरे… Continue reading मधुशाला – हरिवंशराय बच्चन