मिर्ज़ा ग़ालिब
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हर एक बात पे कहते हो तुम के ‘तू क्या है
हर एक बात पे कहते हो तुम के ‘तू क्या है ? तुम ही कहो के यह अंदाज़-ए-गुफ्तगू क्या है…
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Best of Mirza Ghalib (मिर्ज़ा ग़ालिब)
1 बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना Bas ki dushwaar hai…
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