इस दिन के लिए वीरो ने अपना खून बहाया है,
झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है।
झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस फिर आया है।
वो तिरंगे वाली डीपी हो तो लगा लो जरा…bhai ji
सुना है कल देशभक्ति दिखाने वाली तारीख है. . . !
सुना है कल देशभक्ति दिखाने वाली तारीख है. . . !
याद रखेंगे वीरो तुमको हरदम, यह बलिदान तुम्हारा हैं
हमको तो हैं जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा हैं..।।।।
हमको तो हैं जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा हैं..।।।।
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में,
भारत मा का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में ।
भारत मा का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में ।
इतना ही कहना काफी नही भारत हमारा मान है,
अपना फ़र्ज़ निभाओ देश कहे हम उसकी शान है |
अपना फ़र्ज़ निभाओ देश कहे हम उसकी शान है |
किसकी राह देख रहा, तुम खुद सिपाही बन जाना,
सरहद पर ना सही, सीखो आंधियारो से लढ पाना ।
सरहद पर ना सही, सीखो आंधियारो से लढ पाना ।
राष्ट्र के लिए मान-सम्मान रहे, हर एक दिल में हिन्दुस्तान रहे,
देश के लिए एक-दो तारीख नही, भारत माँ के लिए ही हर सांस रहे।
देश के लिए एक-दो तारीख नही, भारत माँ के लिए ही हर सांस रहे।
मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है और मेरा मुल्क ही मेरी जान है,
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ, नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।।
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ, नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।।
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा,
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा,
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए,
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये।
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा,
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए,
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये।
तिरंगा हमारा हैं शान-ए-ज़िन्दगी,
वतन परस्ती हैं वफ़ा-ए-ज़मी,
देश के लिए मर मिटना कबूल हैं हमे,
अखण्ड भारत के स्वप्न का जूनून हैं हमे।
वतन परस्ती हैं वफ़ा-ए-ज़मी,
देश के लिए मर मिटना कबूल हैं हमे,
अखण्ड भारत के स्वप्न का जूनून हैं हमे।