होली के रंगों में एक रंग और : गुलज़ार साब की एक त्रिवेणी ज़रा पैलेट सम्भालो रंगोबू का मैं कैनवास आसमां का खोलता हूं बनाओ फिर से सूरत आदमी की! साथ में एक और रंग बोनस में.. ईद के चाँद पर होली का रंग! जहां नुमा एक होटल है नां… जहां नुमा के पीछे एक… Continue reading होली के रंगों में एक रंग और : गुलज़ार
Category: Hindi-Urdu Poetry
Ten Timeless Shayaris That Will Warm Your Heart
Ankh se door na ho dil se utar jaayega Waqt ka kya hai guzarta hai guzar jaayega –Ahmad Faraz Khudi ko kar buland itna ki har taqdeer se pehle Khuda Bande se puche bata teri raza kia hai – Allama Iqbal Hai justaju ke khoob se khoob tar kaha Ab dekhiye thairti hai jaakar nazar… Continue reading Ten Timeless Shayaris That Will Warm Your Heart
लकीरे है तो रहने दो / Gulzar
लकीरे है तो रहने दो किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खीच दी थी, इन्ही को अब बनायो पाला और आयो कबड़ी खेलते है, Lakeerein hain to rehne do, Kisi ne rooth kar gusse mein shayad kheech di thi. Unhi ko ab banao paala aur aao kabaddi khelte hain. English Translation: These lines that… Continue reading लकीरे है तो रहने दो / Gulzar
मौत तू एक कविता है / Gulzar / Amitabh Bachchan / Anand Movie
A poetic excerpt from the movie Anand written by Gulzar sahab and enunciated by Amitabh Bachchan sir मौत तू एक कविता है, मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको डूबती नब्ज़ों में जब दर्द को नींद आने लगे ज़र्द सा चेहरा लिये जब चांद उफक तक पहुचे दिन अभी पानी में हो, रात किनारे… Continue reading मौत तू एक कविता है / Gulzar / Amitabh Bachchan / Anand Movie
मुकरियाँ / अमीर खुसरो
– अमीर खुसरो रात समय वह मेरे आवे। भोर भये वह घर उठि जावे॥ यह अचरज है सबसे न्यारा। ऐ सखि साजन? ना सखि तारा॥ नंगे पाँव फिरन नहिं देत। पाँव से मिट्टी लगन नहिं देत॥ पाँव का चूमा लेत निपूता। ऐ सखि साजन? ना सखि जूता॥ वह आवे तब शादी होय। उस बिन दूजा… Continue reading मुकरियाँ / अमीर खुसरो
Zindagi Kya Hai Janane Ke Liye / Gulzar
ज़िंदगी क्या है जानने के लिये ज़िंदा रहना बहुत जरुरी है आज तक कोई भी रहा तो नही सारी वादी उदास बैठी है मौसमे गुल ने खुदकशी कर ली किसने बरुद बोया बागो मे आओ हम सब पहन ले आइने सारे देखेंगे अपना ही चेहरा सारे हसीन लगेंगे यहाँ है नही जो दिखाई देता है… Continue reading Zindagi Kya Hai Janane Ke Liye / Gulzar
मिट्टी का तन,मस्ती का मन
मिट्टी का तन,मस्ती का मन, क्षण भर जीवन-मेरा परिचय ! १. कल काल-रात्रि के अंधकार में थी मेरी सत्ता विलीन, इस मूर्तिमान जग में महान था मैं विलुप्त कल रूप-हीं, कल मादकता थी भरी नींद थी जड़ता से ले रही होड़, किन सरस करों का परस आज करता जाग्रत जीवन नवीन ? मिट्टी से मधु का पात्र… Continue reading मिट्टी का तन,मस्ती का मन
Gulzar – Ek Laash – Narreted By Yashpal Sharma Lyrics Gulzar
The video was created for Independence Day special on CNN IBN in 2008. This is one of the poems from Gulzars many masterpieces. It is written by Gulzar and narrated by Yashpal Sharma.
इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ / अहमद फ़राज़
इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ तू भी हीरे से बन गया पत्थर हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँ हम भी मजबूरियों का उज़्र करें फिर कहीं और मुब्तिला हो जाएँ अब के गर तू मिले तो हम तुझसे ऐसे लिपटें तेरी क़बा… Continue reading इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ / अहमद फ़राज़
खुदा / रात पश्मीने की / गुलज़ार
बुरा लगा तो होगा ऐ खुदा तुझे, दुआ में जब, जम्हाई ले रहा था मैं– दुआ के इस अमल से थक गया हूँ मैं ! मैं जब से देख सुन रहा हूँ, तब से याद है मुझे, खुदा जला बुझा रहा है रात दिन, खुदा के हाथ में है सब बुरा भला– दुआ करो ! अजीब सा… Continue reading खुदा / रात पश्मीने की / गुलज़ार