अब्बास अली “दाना”

1. जर्फसे बढके हो इतना नहीं मांगा जाता प्यास लगती है तो दरिया नहीं मांगा जाता चांद जैसी हो बेटी कीसी मुफलिसकी तो उंचे घरवालों से रिश्ता नहीं मांगा जाता अपने कमज़ोर बुज़ुर्गोंका सहारा मत लो सूखे पेडोंसे तो साया नहीं मांगा जाता है इबादत के लिये तो अकिदत शर्त दाना बंदगी के लिये सजदा… Continue reading अब्बास अली “दाना”