अहमद फ़राज़
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अब के तजदीद-ए-वफ़ा का नहीं इमकान जानां / अहमद फ़राज़
अब के तजदीद-ए-वफ़ा का नहीं इमकान जानां याद क्या तुझ को दिलाएं तेरा पैमां जानां ab ke tajdiid-e-vafaa kaa nahii.n…
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तुझ को देखें तो आँख भरती नहीं / अहमद फ़राज़
क्यूँ तबीअत कहीं ठहरती नहीं दोस्ती तो उदास करती नहीं हम हमेशा के सैर-चश्म सही तुझ को देखें तो आँख…
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