किसी मौसम का झौंका था (Raincoat) by Gulzar

किसी मौसम का झौंका था जो इस दीवार पर लटकी हुई तस्वीर तिरछी कर गया है गये सावन में ये दीवारें यूँ सीली नहीं थीं न जाने इस दफ़ा क्यूँ इनमें सीलन आ गयी है दरारें पड़ गयी हैं और सीलन इस तरह बहती है जैसे ख़ुश्क रुख़सारों पे गीले आँसू चलते हों सघन सावन… Continue reading किसी मौसम का झौंका था (Raincoat) by Gulzar

सामने आए मेरे देखा मुझे बात भी की (त्रिवेणी )

गुलजार के लिखे में जो सबसे अधिक पसंद आता है वह है उनकी त्रिवेणी का अंदाज़ …चंद लफ्जों में खूबसूरती से बात कह जाना कोई आसान काम नही है ..उनके लिखे की समीक्षा करना भी आसान नहीं ..क्यों हर लफ्ज़ इन त्रिवेणी का लिखा अपनी बात अपने अंदाज़ से कहता है ….जैसे यह कुछ उनकी… Continue reading सामने आए मेरे देखा मुझे बात भी की (त्रिवेणी )

मुद्दतों बाद एक खत चला है मेरे नाम से

मुद्दतों बाद एक खत चला है मेरे नाम से, किसी ने पैगामे-ईश्‍क भेजा है मेरे नाम से। शायद चल पड़े सिलसिला खत भेजने का, आज पहला खत उसने भेजा है मेरे नाम से। लिखते हैं जब वो खत चांदनी रातों में, चांद उनके पहलू आता है मेरे नाम से। हमें तो आरजू थी खतों के… Continue reading मुद्दतों बाद एक खत चला है मेरे नाम से

Salok Guru Nanak Dev Ji in Hindi

सलोक गुरू नानक देव जी 1. कुदरति करि कै वसिआ सोइ कुदरति करि कै वसिआ सोइ ॥ वखतु वीचारे सु बंदा होइ ॥ कुदरति है कीमति नही पाइ ॥ जा कीमति पाइ त कही न जाइ ॥ सरै सरीअति करहि बीचारु ॥ बिनु बूझे कैसे पावहि पारु ॥ सिदकु करि सिजदा मनु करि मखसूदु ॥… Continue reading Salok Guru Nanak Dev Ji in Hindi

Shabad Guru Nanak Dev Ji in Hindi

शब्द गुरू नानक देव जी 1. हुकमी होवनि आकार हुकमु न कहिआ जाई हुकमी होवनि आकार हुकमु न कहिआ जाई ॥ हुकमी होवनि जीअ हुकमि मिलै वडिआई ॥ हुकमी उतमु नीचु हुकमि लिखि दुख सुख पाईअहि ॥ इकना हुकमी बखसीस इकि हुकमी सदा भवाईअहि ॥ हुकमै अंदरि सभु को बाहरि हुकम न कोइ ॥ नानक… Continue reading Shabad Guru Nanak Dev Ji in Hindi

Japuji Sahib Guru Nanak Dev Ji जपु गुरू नानक देव जी

जपु गुरू नानक देव जी ੴ सति नामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुर प्रसादि ॥ जपु आदि सचु जुगादि सचु ॥ है भी सचु नानक होसी भी सचु ॥१॥ सोचै सोचि न होवई जे सोची लख वार ॥ चुपै चुप न होवई जे लाइ रहा लिव तार ॥ भुखिआ भुख न… Continue reading Japuji Sahib Guru Nanak Dev Ji जपु गुरू नानक देव जी

Japu Guru Nanak Dev Ji / ਜਪੁ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ

ਜਪੁ ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ (ੴ ਦਾ ਉੱਚਾਰਨ ਹੈ ” ਇਕ (ਏਕ) ਓਅੰਕਾਰ” ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਅਰਥ ਹੈ “ਇਕ ਅਕਾਲ ਪੁਰਖ, ਜੋ ਇਕ-ਰਸ ਵਿਆਪਕ ਹੈ”, ਸਤਿਨਾਮੁ=ਉਹ ਇਕ ਓਅੰਕਾਰ, ਜਿਸ ਦਾ ਨਾਮ ਹੈ ਹੋਂਦ ਵਾਲਾ, ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ=ਜੋ ਸਾਰੇ ਜਗਤ ਵਿਚ ਵਿਆਪਕ ਹੈ, ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ=ਕਾਲ ਰਹਿਤ ਸਰੂਪ, ਅਜੂਨੀ=… Continue reading Japu Guru Nanak Dev Ji / ਜਪੁ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ

ज़ाकिर भी लिखूं तो जिक़्र उन्ही का आता है

ज़ाकिर1 भी लिखूं तो जिक़्र उन्ही का आता है खुदा में भी हमें बस नजर वो आता है अब इबादत भी उनको याद करने से होती है उनकी गली से गुजरना ज़ियारत2 हो जाता है मायने: ज़ाकिर: भगवान् की प्रशंसा की कविता ज़ियारत: तीर्थयात्रा   एक अरसे से उनसे नजर नहीं मिली जमाना गुजर गया… Continue reading ज़ाकिर भी लिखूं तो जिक़्र उन्ही का आता है

वो भी शायद रो पडे वीरान काग़ज़ देख कर….

वो भी शायद रो पडे वीरान काग़ज़ देख कर मैंने उस को आखिरी खत में लिख़ा कुछ भी नहीं मजंमून सूझते हैं हज़ारों नए नए क़ासिद ये ख़त नहीं मिरे ग़म की किताब है पहली बार वो ख़त लिक्ख़ा था जिस का जवाब भी आ सकता था तिरा ख़त आने से दिल को मेरे आराम… Continue reading वो भी शायद रो पडे वीरान काग़ज़ देख कर….

Khat Shayari: अंधेरा है कैसे तिरा खत पढ़ूं, लिफ़ाफ़े में जरा रोशनी भेज दे

कासिद के आते आते ख़त इक और लिख रखूं मैं जानता हूं जो वो लिखेंगे जावाब में कैसे मानें कि उन्हे भूल गया तू ऐ ‘कैफ़’ उअन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले क्या क्या फ़रेब दिल को दिए इज्तिराब में उन की तरफ़ से आप लिखे ख़त जवाब में अपना खत आप… Continue reading Khat Shayari: अंधेरा है कैसे तिरा खत पढ़ूं, लिफ़ाफ़े में जरा रोशनी भेज दे